सरकारी स्कूल की छात्रा बनी कामयाबी की मिसाल, हिंदी मीडियम से पढ़ाई कर के बन गई IAS

आज हम बात कर रहे हैं केरला के एक छोटे से गांव से आने वाली श्रीधन्या सुरेश जी की जो आज के समय में एक आईएएस अधिकारी हैं और आप और हम जैसे कई लोगों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत हैं जो मेहनत कर रहे हैं अपनी अपनी मंजिल पाने के लिए। आज हम बात कर रहे हैं की कैसे उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी खुद को मजबूत बनाए रखा और इतना बड़ा मुकाम हासिल किया।
श्रीधन्या सुरेश जी दर असल केरला के एक छोटे से गांव से आती हैं जहां साधारण सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है और पढ़ाई का तो नाम ओ निशान भी नहीं है, और तो और वह एक आदिवासी परिवार से आती है तो उनको पढ़ाई के छेत्र में भी कोई रास्ता दिखाने वाला नहीं था और उनको कोई सहायता करने वाला भी नहीं था। फिर भी उनका बचपन से ही सपना था, आईएएस बनने का।
और इसके लिए उन्होंने बचपन से ही जम कर पढ़ाई की और हमेशा ही अपनी कक्षा में अव्वल आई। उनका शुरू से ही मानना था कि मेहनत से हर एक मुसीबत हल हो सकती है। और उन्होने इसी तरह बारहवी भी बड़ी मेहनत कर के अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण कर ली।
उसके बाद उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी शुरू की और पहले ही प्रयास में उनका आईएएस इंटरव्यू के लिए चयन हो गया। और वो इस इंटरव्यू के लिए दिल्ली उधर के पैसों से गई थी क्योंकि उनके पास तब उतने पैसे नहीं थे। और आज के समय में आईएएस बन उन्होंने अपने पूरे समाज का नाम ऊंचा कर दिया है। हमारे समाज को ऐसी ही महिलाओं की जरूरत है। जो अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा करें। और अपने जैसी ही कई और महिलाओं को आगे आने की हिम्मत दे। और उनको अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा कर पाने की हिम्मत प्रदान करें। इनकी की मेहनत को सलाम।