खैनी बेच कर उठाते थे पढ़ाई का खर्च, मेहनत ने दिया साथ और बन गए IAS

आज मैं बात कर रहे हैं ias निरंजन कुमार की सफलता की कहानी की जिन्होंने अपनी जिंदगी में कई प्रकार के दुख झेले पर उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और आज के समय में वो एक IAS हैं और बड़ी खुशी खुशी अपनी जिंदगी बिता रहे हैं, पर यहां तक आ पाने के लिए उन्होंने अपने जीवन में कई पापड़ बेले और आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको उनकी जिंदगी की इसी कहानी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं की कैसे इन्होंने गरीबी को मात दे कर सफलता की सीढ़ी यहां तक चढ़ने का सफर तय किया।
इनकी जिंदगी भी किसी साधारण भारतीय मिडल क्लास के लड़के जैसे ही रही। इनके पिता एक साधारण व्यक्ति थे जो किसी तरह घर के खर्च निकलने लायक कमाई कर पाते थे और उनकी मां एक कुशल गृहणी थी। इनके ऊपर बचपन से ही घर की जिम्मेदारियां थी।
और उनको भी एहसास था की अगर वो इन जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से नहीं समझेंगे तो आगे चल कर के उनको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। और ऐसे हालातों में काफी कम उम्र में ही उन पर घर के लिए दो पैसे कमाने का जिम्मा भी आ गया।
इन्होंने बचपन में ही खैनी की दुकान में काम किया ताकि घर में थोड़ी सहायता हो सके। और इनको पता था कि गरीबी से बाहर आने का एक ही उपाय है, पढ़ाई। तो इन्होंने जम कर के पढ़ाई की और अपने दूसरे ही प्रयास में UPSC क्लियर कर के IAS बन गए।