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सुनिए पद्म श्री से सम्मानित इस व्यक्ति की दास्तान, कैसे सम्मान लेने लिए दिल्ली आने तक के नहीं थे इनके पास पैसे

आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी व्यक्ति हलधर नाग के बारे में जो सादगी की मूर्ति है। ये ओरिसा के रहने वाले हैं एक कवि भी हैं। ये वहां की ही स्थानीय भाषा में अपनी कविताएं लिखा करते हैं। इनकी कविताएं काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। इनकी कविताओं को कई और भाषा में अनुवादित कर के छापा भी गया है। और इसी कारण से इनको कई और लोगों के बीच भी काफी प्रसिद्धि मिली है।

इनको आज से लगभग 6 से 7 साल तक पहले उस समय के हमारे देश के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा पद्म श्री दिया गया था। और जब ये पद्म श्री लेने के लिए आए थे उस समय उनकी बहुत चर्चा हुई थी। इस चर्चा का कारण थी इनकी सादगी। ये सम्मानित होने के लिए एक मामूली धोती कुर्ता में आए थे और ये देख कर के हर कोई हैरान रह गया था।

आपको जानकारी दे दें की इतनी प्रसिद्धि प्राप्त कर लेने के बाद भी, आज के समय में ये अपने गांव में ही रहते हैं। ये अपने लोगों के बीच ही रहना पसंद करते हैं। इनका कहना है कि इनको असली शांति वही रह कर के मिलती है। और आपको बता दें कि इतनी प्रसिद्धि के बाद भी इनके पास उस समय इतने पैसे नहीं थे कि वो दिल्ली आ सके।

जब इनको सरकार की ओर से दिल्ली बुलाया गया तो इन्होंने एक बड़ा अनोखा जवाब दिया। इन्होंने एक पत्र के माध्यम से जवाब दिया और लिखा कि, महाशय मेरे पास दिल्ली आने के पैसे नहीं है तो आप अगर ये पद्म श्री कुरियर करवा दें तो बड़ी मेहरबानी होगी। और इनका ये जवाब सुन कर हर कोई अवाक रह गया था। और सोशल मीडिया पर खूब हलचल मची थी।

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