कोरोना ने किया इस व्यक्ति के लिए कमाल, एक समय ठप थी दुकान और आज रोज बेचते हैं लाखों के पराठे

आज हम बात कर रहे हैं असम के रहने वाले दिगंत दास कि। जो आज के समय में एक बहुत सफल बिजनेसमैन है। पर एक ऐसा समय भी था जब वो एक फैक्टरी में एक मजदूर थे। पर आखिर उनकी जिंदगी में इतना बड़ा बदलाव हुआ कैसे। तो आइए जानें कि ऐसा आखिर हुआ कैसे। और कैसे एक फैक्टरी में काम करने वाला मजदूर एक बिजनेसमैन बना। दर असल इनकी कहानी शुरू होती है कोरोना से जहां उनसे उनकी नौकरी छूट गई।
और वो घर में एक बेरोजगार की तरह आ कर के बैठ गए। असल में वो दक्षिण भारत में काम करते थे। और उनकी कंपनी एक खाने का सामान बना कर के बेचने वाली कंपनी थी। और बाकी कई और कंपनी की तरह उनकी कंपनी ने भी उनको कोरोना में निकाल दिया। और अब उनको समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें। और अब वो अपनी आगे की जिंदगी कैसे गुजारें। तो उन्होंने खुद का काम करने का सोचा और एक छोटी सी फैक्ट्री डाली।
और इस फैक्ट्री में उन्होंने परोठे बना कर के पैक कर के बेचना शुरू कर दिया। इस इंडस्ट्री में काफी साल काम करने की वजह से उनको इस चीज का काफी एक्सपीरियंस था। और उन्होंने अपने इस एक्सपीरियंस का खूब फायदा उठा लिया और काम में लग गए। और आज अपने सालों की मेहनत और लगन की वजह से उनकी कंपनी बहुत बड़ी हो गई है। और वो रोज ही लाखों रुपए का कारोबार करते हैं। और असम के कई लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत हैं।