बिहार के बालक का हुआ ISRO में चयन, पूरे शहर ने ढोल बाजे के साथ किया स्वागत

बिहार के बालक का हुआ ISRO में चयन, पूरे शहर ने ढोल बाजे के साथ किया स्वागत। जी हां आपने बिलकुल सही सुना, बिहार के बालक का हुआ ISRO में चयन, पूरे शहर ने ढोल बाजे के साथ किया स्वागत। तो आइए जानते हैं क्या है ये पूरी खबर। और क्या है ये पूरा मामला। आज हम बात कर रहे हैं एक बिहार के लड़के की सफलता की कहानी की। आज हम जिनकी बात कर रहे हैं उनका नाम है हर्ष सिंह राजपूत।
और वो खुद एक मामूली किसान के बेटे है। तो आइए आज देखते हैं इनकी सफलता की कहानी। रवि की सफ़लता की कहानी भी बड़ी मुश्किलों से भरी हुई है। इनके पिता बस एक रिक्शा चालक थे। उनको अपने समय में अधिक पढ़ने का मौका नहीं मिला। और उसका नतीजा ये रहा कि वो अपनी जिंदगी में बस एक रिक्शा चालक ही बन पाए।
उन्होंने हमेशा ही दुख के ही दिन देखे। और शायद ही ऐसा कोई मौका आता हो जहां उनको थोड़ा सुख मिलता। उनकी अधिकतर जिंदगी आर्थिक दुख और परेशानी में ही बीत गई। और अब ऐसे में उनकी जिंदगी का एक ही लक्ष्य बन गया था। और वो था अपने बाल बच्चों को पढ़ाना और उनको कुछ बड़ा बनाना। ताकि वो भी अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा कर सके।
और जैसे उन्होंने हमेशा ही दुख में दिन देखे। और शायद ही ऐसा कोई मौका आता हो जहां उनको थोड़ा सुख मिलता हो। वैसा ही उनके बच्चों के साथ ना हो। और उनको एक सुख की जिंदगी मिल सके। और उनको आगे चल कर के कभी भविष्य में कोई दिक्कत नहीं हो। और उसी का परिणाम है कि उनका बेटा isro में चयनित हुआ है। और अपनी जिंदगी में सफलता हासिल की।